
अभिषेक श्रीवास्तव की क़लम से
1.
एक सरापा जुस्तज़ू और कुछ करम हासिल ना हो
मेरी क़िस्मत ये जहाँ तक शौक़ हो मंज़िल ना हो
ज़िंदगी की ग़ालिबन तफ़सील ही मुश्किल में हैं
और मुश्किल ये कि मुश्किल हो अगर मुश्किल ना हो
वो कि बेजा कशमकश में अब तलक...
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युवा कवि की पहली कहानी
संजय शेफर्ड की क़लम से
यह
लड़कियां भी ना ? ना जाने किस परिवेश और संस्कार में पलती- बढ़ती और बड़ी
होती हैं ? एक अधेड़
व्यक्ति ने खुद से मन ही मन में प्रश्न किया और उस चौदह...
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नई पौध के तहत 10 ग़ज़लें
प्रखर मालवीय 'कान्हा' की क़लम से 1. वो मिरे सीने से आख़िर आ लगामर न जाऊं मैं कहीं ऐसा लगारेत माज़ी की मेरी आँखों में थीसब्ज़ जंगल भी मुझे सहरा लगाखो रहे हैं रंग तेरे होंट अबहमनशीं ! इनपे मिरा...
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कृष्णकांत की क़लम से
सरकार
ने 13 मार्च को संसद में जानकारी दी कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद डिवीजन में
2015 के शुरुआती 58 दिनों के भीतर 135 किसानों ने आत्महत्या कर ली. कृषि
राज्यमंत्री मोहनभाई कुंडारिया...
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नई पौध के तहत आठ कविताएं
वर्षा गोरछिया 'सत्या' की क़लम से कार्बन पेपर
सुनो नकहीं से कोईकार्बन पेपर ले आओखूबसूरत इस वक़्त कीकुछ नकलें निकालेंकितनी पर्चियों मेंजीते हैं हमलम्हों की बेशकीमतीरसीदें भी तो हैंकुछ...
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मुनीश्वर बाबू अपनी लाडली बिटिया प्रीति (लेखिका) के साथ
स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता मुनीश्वर प्रसाद सिंह पर उनकी बेटी का संस्मरण
प्रीति सिंह की क़लम से
एक बार फिर सामने हूं अपने बाबूजी की कुछ यादें लेकर। वो यादें जो मुझे...
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