
रांची में रविवार को विजय संकल्प रैली को भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया. रैली में जानेमाने अर्थशास्त्री व सोशल एक्टिविस्ट ज्यां द्रेज भी मौजूद थे. उन्होंने जो देखा, सुना और महसूस किया, पेश है उन्हीं की जुबानी.
रांची में नरेंद्र...
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शहनाज़ इमरानी की कविताएं
बूँद भर एक ख़्वाब बूँद भर एक ख़्वाब पलकों की रिहाइश छोड़ कर ...
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पंकज साव की क़लम से
तेजपाल-प्रकरण से उपजी युवा चिंता
अब से करीब 12 साल पहले ‘तहलका’ ने जिस शख्स के दम पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का राजनैतिक करियर खत्म कर दिया था, कहीं आज वह शख्स खुद पतन के कगार पर तो ...
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अमित राजा की क़लम से दिल्ली और बाक़ी राज्यों के आम आदमी में फ़र्क़ जटिलताओं के देश भारत में राजनीति एक उलझी हुई डोर है। इस उलझी हुई डोर का एक सिरा दिल्ली में 'आप' नहीं-नहीं आम आदमी के हाथ लगा है। लेकिन डोर का दूसरा सिरा जबतक...
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सेहन में बैठे फणीन्द्र मांझी डायरी से एक गीत सुनाते हुए
ज़िंदगी चलती नहीं प्यारे धकेली जाती है :फणीन्द्र मांझी
चौक-चौराहे पर शहीद भगत सिंह या सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा देख धरती आबा का सुरक्षा कवच रहा डुमबारी...
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फ़ोटो गूगल महाराज की कृपया से
हालिया चुनाव पर कुछ इस तरह भी तो सोच सकते हैं
तमाम तामझाम और बेशर्मी लांघती मीडिया रपटों के बावजूद लोकमानस को समझ पाने में हम लोग असमर्थ रहे. लेकिन ज़िद की लकीर का अहं अब भी मुंह नहीं चुरा रहा है. दरअसल...
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पाइलिन में पिता और छोटा भाई खो चुके पवन की कहानी उसकी आंखें लबालब हैं। मानो पाइलिन उतर आया हो। जबकि यह तूफ़ान तो अक्टूबर के पहले सप्ताह आया था। मैं बात अरगोड़ा, रांची के 22 साल के पवन तिर्की की...
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इस दुकान की बायीं तरफ़ पहले कैफे भी हुआ करता था, जिसे बंद कर अब निशा स्टोर को बढ़ा दिया गया है. फ़ोटो मीर वसीम
दहशत ने बनाया अपनों को संदिग्ध: कई शहर, तो कुछ स्कूल छोड़ने को तैयार, बच्चों के लैपटॉप तक की होने लगी मॉनिट्रिंग ...
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इमाम ज़ियाउल हक़ फ़ैज़ी ने कहा बम या गोली मसले का हल नहीं
मामला नाइंसाफी से जुड़ा हो या फौरी गुस्सा से उबली प्रतिक्रिया इस्लाम या अहले हदीस हिंसा की इजाजत नहीं देता। कुछ भटके हुए लोग जिहाद की गलत व्याख्या कर रहे हैं। जिहाद आतंकवाद नहीं होता।...
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गोल्ड मेडल पाकर कहा, नौकरी मिल जायेगी न!
पदक पाकर मुन्नावती रो पड़ी चित्र: रमीज़ जावेद
शहरोज़
@ मुन्नावती
बरसों रेजा मजदूरी करते बचपन से युवा होने तक जो सपना देखा था, उसके साकार होने में मात्र कुछ ही घंटे बचे थे।...
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फोटो वसीम
छठ पर्व पर बिखरी परस्पर प्रेम की खुश्बू साफसफाई, सजावट सहित फल वितरण में मुस्लिम रहे अव्वल
सूर्य उपासना के महापर्व छठ के अवसर पर राजधानी के लेक रोड का...
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हिंसा के तर्क और तर्कों की हिंसा: एक आलोचनात्मक प्रयास
हिलाल अहमद की क़लम से
हिंसा, विशेषकर ' सामूहिक हिंसा’ को समझने के दो संभव तरीके हो सकते हैं। पहला तरीका घटनाओं और व्यक्तियों के...
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फ़ोटो : मीर वसीम
एक विचारधारा ने कैसे बदल दिया रंग-रोगन करने वाले मज़दूर का रंग
पटना ब्लास्ट के चार आरोपियों के गाँव हेड कोचा सिठियो से
धुर्वा से लोदमा जानेवाली सड़क सोमवार को बेहद खामोश थी। जगह-जगह समूह में युवा व बुजुर्ग जरूर खड़े मिले।...
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