
दो शाइर और एक ग़ज़ल
रजनीश ‘साहिल’ की क़लम से "दो जुदा शाइरों की अलग-अलग ग़ज़लों से शेर चुनकर बनी एक तीसरी मुकम्मल ग़ज़ल", अगर कोई ऐसा कहे तो क्या आप क्या कहेंगे? थोड़ा अटपटा लगता है सुनने में, पर जो है, सो है. यह सुनकर शायद और अटपटा लगे...
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संदर्भ मुस्लिम परिवेश और हिंदी उपन्यास
सुनील यादव की क़लम से मुस्लिम परिवेश और हिंदी उपन्यास पर बात करने से पहले साहित्य और समाज विशेषकर उपन्यास और समाज और रिश्ते की पड़ताल इसलिए जरूरी हो जाती है कि ''साहित्य की जड़ें समाज में होती हैं...
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शहरोज़ की क़लम से
चौंकिए मत ! मुझे कह लेने दीजिये कि इस्लाम परिवार कल्याण की अनुमति
देता है.यानी कंडोम का इस्तेमाल इस सिलसिले में प्रतिबंधित नहीं
है.पैग़म्बर हज़रत मोहम्मद के समय अज़्ल की खूब परम्परा रही है.यह अज़्ल
कंडोम का ही...
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शहरोज़ की क़लम से
तलाक़ दे तो रहे हो, ग़ुरूर-व-क़हर के साथमेरा शबाब भी लौटा दो, मेरे मेहर के साथ.
तलाक़ को लेकर भोपाल रियासत के नवाब ख़ानदान की एक अनाम विदुषी शायरा का यह शेर बहुत मक़बूल है. हालाँकि कुछ लोग मीना कुमारी को रचयिता मानते...
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गुंजेश की कविताएं1.तुम जवाब मत दोमैं सवाल भी नहीं करूंगामेरा और तुम्हारा रिश्ताबादल और धूप का होलोग, एक की उपस्थिती मेंदूसरे को चाहें2.अरसा हो गयातुमसे मिले हुएअब तो तुम्हें याद भी नहीं होगा किआखरी दिन मैंने शेव किया था या नहींआखरी...
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विकास का मॉडल कुदुंबश्री
मनोरमा सिंह क़लम से
तरक्की और विकास की पहली शर्त है लोगों का जागरूक और शिक्षित होना, केरल की
साक्षरता दर भारत के सभी राज्यों में सबसे अधिक रही है और यही वजह है कि
यह भारत के सबसे विकसित...
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سرفروشی کی تمنا اب ہمارے دل میں ہے
دیکھنا ہے زور کتنا بازو ے قاتل میں ہے
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में हैदेखना है ज़ोर कितना बाज़ू -ए-क़ातिल में है।
Sarfaroshi ki Tamanna Ab Hamare Dil Me Hai
Dekhna Hai Zor Kitna Bazu-E-Qatil...
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जसिंता केरकेट्टा की कविताएं
नदी और लाल पानीकोका-कोला बनाकरतुमने उसे ''ठंडा का मतलब'' बतायातो अब दुनियां को भी बताओसारंडा के नदी-नालों में बहतेलाल पानी का मतलब क्या है?नदी के तट पर चुंआ बनाकर, पानीछानते-छानते थक चुकी जुंबईबुरू कीसुकुरमुनी...
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चार कविता : चार ग़ज़ल
अकेले में बहुत चीखा किये है ! समंदर रात में रोया किये है !!
कुलदीप अंजुम की क़लम से
गुनाहगार तो मैं भी...
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