घूम-घूम दुख-दर्द बटोर उसका कर रहीं
समाधान
सैयद
शहरोज़ क़मर की क़लम से
अकबर
इलाहाबादी ने कहा था,
खीचो न
तीर कमानों से,
न तलवार
निकालो /
दुश्मन
हो मुकाबिल तो अखबार निकालो।
लेकिन निर्मला,
प्रियशीला,
अमिता,
शांति,
हलीमा,
ज्योति,
शिखा और
बसंती जैसी लड़कियों के पास
इतने संसाधन न थे कि अखबार
निकालती। उन्होंने अंधविश्वास,
जातिवाद
व संप्रादायिकता जैसे शत्रुओं
और शिक्षा,
स्वास्थ्य,
बिजली-
पानी,
मजदूरी
और मानवाधिकार की समस्याओं
से लड़ने के लिए अपने-अपने
मोबाइल को ही सहारा बना लिया।
बाद में समूह की मदद से छोटे-छोटे
कैमरे खरीदे और शहर के स्लम
और गांवों में घूम-घूमकर
दर्द,
दुख और
परेशानियों को बटोरना शुरू
किया। उन्हें शूट कर संबंधित
अधिकारियों को जब दिखाया,
तो उन्होंने
इनके हौसले को सराहा और तुरंत
समस्याओं का हल भी कराया। इस
तरह इनका कारवां चल पड़ा। इंडिया
अनहर्ड के बैनर तले अब सूबे
के 24
ज़िलों
में इनकी टोलियां बन चुकी हैं।
हर जिले में 2-2
सामुदायिक
संवाददाता हैं,
जो मुद्दा
आधारित विडियो बना रहे हैं।
रांची में निर्मला एक्का और
प्रियशीला सक्रिय हैं।
केस
1
पिछले
नवंबर में निर्मला एक्का को
पता चला कि भगतकोचा में छह साल
की बच्ची के साथ 12
साल के
बच्चे ने बेइज्जती करने की
कोशिश की। वे वहां पहुंची।
पीड़िता और उसकी मां का बयान
रिकॉर्ड किया। आरोपी के परिजनों
से बात करनी चाही,
लकिन वे
बोले जो करना है,
कर लो।
थाना से छुड़वा लेंगे। निर्मला
अरगोड़ा थाना पहुंची,
सारा
मामला बताया। रिकार्ड सुनवाया।
इसके बाद उसी दिन ही आराेपी
की गिरफ्तारी हो गई। मामला
ज्वेलाइन कोर्ट में है।
केस
2
अतिक्रमण
हटाओ अभियान के बाद रांची के
कुछ विस्थापितों को चिरौंदी
में बसाया गया है। लेकिन यहां
न पानी की कोई व्यवस्था की गई,
न ही ही
बिजली कनेक्शन ही इनके घरों
में था। ऐसे में लोगों को खासकर
महिलाओं और पढ़नेवाले बच्चों
को काफी परेशानी हो रही थी।
निर्मला ने सभी प्रभावितों
से बातचीत की। इसकी रिकॉर्डिंग
तत्कालीन मेयर रमा खलखो और
राज्यसभा सदस्य परिमल नथवाणी
को दिखाया। इसके बाद बिजली-पानी
नसीब हो सका।
जब
निर्मला पर चली गोली
इन
कार्यकर्ताओं को कई बार विपरीत
स्थितियों का भी सामना करना
पड़ता है। लेकिन इनके जज्बे
ने उसे धार ही दी है। एजी कॉलोनी
में जमीन दलालों ने किसी आदिवासी
की जमीन पर कब्जा कर लिया।
वहीं उसके लोग भूमिस्वामी से
लड़ने भी पहुंच गए। संयोग से
निर्मला वहां मौजूद थीं।
उन्होंने तुरंत ही अपने मोबाइल
से उसे शूट करने लगी। इस बीच
जमीन दलाल के आदमी ने उन्हें
देख लिया और गोली चला दी। लेकिन
निर्मला बेहद फुर्ती से कुएं
की ओट में बैठ गईं,
जिससे
वह बच गईं। बाद में आरोपी पकड़ा
गया। अब जेल में है। खूंटी में
अमित सोलरलाइट नहीं लगाए जाने
पर लोगों की शिकायत रिकॉर्ड
कर रहे थे। तभी मुखिया और उसके
लोग पहुंच गए और अमित का कैमरा
तोड़ दिया। मुखिया फंड से ही
लाइट लगनी थी। बाद में आरोपियों
ने माफी मांगी।
अनसुने
भारत की कथा:
आनंद
हेम्ब्रोम
इंडिया
अनहर्ड का उद्देश्य पहले कभी
भी नहीं सुनी व देखी गई स्टोरीज़
को सामने लाना है.।
ऐसे प्रसंग,
घटनाएं,
मुद्दे
जिन्हें मुख्य धरा का मीडिया
कवर नहीं करता। ऐसी स्टोरीज़
जो आपको एक सामुदायिक संवाददाता
(Community
Correspondent) के
रूप में देखनी चाहिए। झारखण्ड
में विडियो स्टोरीज़ जिनमें
शिक्षा,
स्वास्थ्य
फोकस के मुद्दे हैं। शिक्षा
का अधिकार अधिनियम 2009
के
अमलीकरण का ज़मीनी हकीक़त जानने
के लिए विडियो वोलेंटीयर्स
का राष्ट्रिय विडियो डॉक्यूमेंटेशन
अभियान (पास
या फेल)
चल
रहा है। (राज्य
समन्वयक)
भास्कर
रांची के चार सितंबर 2015
के अंक में
प्रकाशित
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हमको आइना दिखाना है, दिखा देते हैं.
- अल्लामा जमील मज़हरी