
कहकशां परवीन के रांची स्थित घर में जुमा मुबारक ही बनकर आया
हाजी जैनुल हक रांची के पहले डिप्टी मेयर बने तो उनके विजयी जुलूस में एक नन्ही सी बच्ची इठला-इठलाकर खूब नारे लगा रही थी। तब उसके अब्बू...
read more...

संजय सिंह की पांच कविताएं 1.उनकी अफरातफरी मेंशामिल हैं हिरनों की कुलाचेनील गायों कीकुचल डालने वाली निगाहेंऔर चट्टानी खुरउनके उन्माद मेंशामिल हैं हाथों में हाथ डालेगलबहियाँ कियेसब के आक्रोशदण्डकारण्य मेंदण्ड भोगते लोगजो न इधर हैंजो...
read more...

चित्र : साभार गूगल
लघु कथा : दोस्तों की मेहरबानी चाहिए!
" भैय्या अब मैं आपके साथ नहीं रह सकता!' लवलेश ने ज्यों ही कहा साशा पर मानो पहाड़ टूट पड़ा. नेज़े से उसके टुकड़े साशा के बदन में चुभ रहे. साशा और लवलेश ऐसे नामी-गिरामी संस्थान में...
read more...
(यहाँ पोस्टेड किसी भी सामग्री या विचार से मॉडरेटर का सहमत होना ज़रूरी नहीं है। लेखक का अपना नज़रिया हो सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान तो करना ही चाहिए।)