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रमीज़
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पहले
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर
राजधानी में जुटे छह हजार लोग
सैयद
शहरोज़ क़मर की क़लम से
आसमान में बादलों की अठखेलियां। इधर, मोरहाबादी मैदान पहुंचती स्कूली बच्चों की टोलियां चुहल करते हुए। लेकिन जब बच्चे योग स्थल पहुंचे, तो वातावरण ने उनके चित्त को स्थिरता दी। विश्व के पहले अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर राजधानी का दृश्य ही जुदा रहा। मोहाबादी में हुए मुख्य आयोजन में करीब छह हजार लोगों ने वसुधैव कुटुंबकम के नेक इरादे से भागीदारी की। कहते हैं कि मनुष्य और प्रकृति के बीच योग सामंजस्य बनाता है। इसकी अनुभूति साक्षात हुई। योग स्थल के चारों ओर जहां मुस्कुराते गुलमोहरों ने बच्चों की लयात्मक योगमुद्राओं की डोल-डोल कर सराहना की। वहीं जब मुख्यमंत्री बोलने को मंच पर आए, तो सूरज की किरणें बादलों की ओट से निकल मैदान में बिखर गईं। अतिथियों के सधे वक्तव्य के बाद मंच पर विराजे योगगुरुओं के संचालन में सभी ने गहरी सांस लेकर तीन बार प्रणव गान ऊं का उच्चारण किया। मुस्लिम भाइयों ने इसकी जगह अल्लाह उच्चारित किए। इसके साथ ही प्रकृति से तादात्मय करती ऊर्जा फिजा में संचरित हो उठी। इसके बाद गुंजायमान हुआ, ओ3म् संगच्छध्वं, सं वो मनांसि जानताम् देवा भागं यथा पूर्वे, संजानाना उपासते (हम सब एक साथ मिलकर चलें, हम सब एक साथ मिलकर बोलें, हमारे मन एक जैसे हों, जैसे हमारे पूर्वज कतर्व्यनिष्ठ और विवेकेशील थे, वैसे हम भी बनकर, उस ईश्वर की उपासना करें)। अब प्रकृति के साथ एकत्व खोजने का भाव हर चेहरे पर कांतिमय हुआ। फिर फूलों की शाखाओं के समान ग्रीवा चालन के क्रम में कभी गर्दन इधर, तो कभी उधर हुई। नदी की लय पर शरीर झुका और उठा। ताड़ासन से आरंभ योग कपालभाति पर आकर रुका। इसके बाद अनुलोम-विलोम, भ्रमरी और प्रणव पर आकर विराम। तभी संकल्प के स्वर समवेत हुए, सभी सुखी हों। सभी स्वस्थ्य हों। सभी निरोग हों। सभी का मंगल हो। अंत में सभी आंखें बंद कंठ से फूटे शांतिपाठ, ओ3म सर्वे भवंतु सुखिन:, सर्वे संतु निरामया:द्ध सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मां कश्चित् दु:ख भग्भवेत। ओ3म शांति: शांति:शांति:।।
मौक़े
पर बोले
स्वास्थ्य
मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी
: योग को
विश्व में पहचान दिलाने में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
के इस योगदान को भूला नहीं जा
सकता। योग न केवल शरीर को स्वस्थ
रखता है, बल्कि
इससे चित्त भी स्थिर रहता है।
विश्व में इसके माध्यम से
बंधुत्व की भावना जागृत होगी।
सकारात्मक सोच के साथ समाज
को स्वस्थ रखें। यही उद्देश्य
होना चाहिए।
नगर
विकास मंत्री सीपी सिंह:
लगभग दो सौ
देशों में आज योग दिवस मनाया
जा रहा है। विश्वगुरु बनने
का यह भारतीय सोपान है। उन्होंने
नारे बताए, योग
भगाए रोग व योग डराए रोग।
मुख्यमंत्री
रघुवर दास : योग
फल-फूल
रहा है। विदेशों में भी फैल
रहा है। हमारे प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने यूएनओ की बैठक
में योग की चर्चा की, तो
उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया
गया। आज यूएनओ में सुषमा स्वराज
इसकी अगुवाई कर रही हैं। गर्व
का दिन है। मनुष्य जितनी भी
क्रिया करता है, सफलता,
सुख और शांति
के लिए करता है। तनाव और उलझन
से मुक्ति योग ही दे सकता है।
मन, बुद्धि
और आत्मा की मुक्ति योग से ही
प्राप्त होती है। 365 दिन
योग करें, तो
राज्य को निरोग झारखंड बना
सकेंगे। कुछ लोग योग के नाम
पर धुंध लाना चाहते थे। लेकिन
उनके विरोध के बावजूद जनता
सड़कों पर उतरी। विश्व ने योग
को सहर्ष स्वाकार किया। विरोध
करने से देश पीछे नहीं,
बल्कि अच्छे
कामों से देश आगे बढ़ेगा। भारत
विश्वगुरु बनेगा।
कौन-कौन
आसन हुए, जिनसे
इन रोगों में होता है लाभ
मोटापा
दूर करने के लिए: वज्रासन,
चक्रासन,
कटिचक्रासन,
कोणासन और
पद्मासन।
कमर
और पेट की चर्बी का घटाना :
कटि चक्रासन,
वृक्षासन,
ताड़ासन,
त्रिकोणासन,
पादस्तासन।
कमर
दर्द : मकरासन
व भुजंगासन।
कब्ज
रोग के लिए : वज्रासन
व चक्रासन।
झड़ते
बालों के लिए : वज्रासन
के बाद अनुलोम-विलोम
प्राणायम।
16 आसन
किए गए
ताड़ासन,
वृक्षासन,
पादहस्तासन,
अर्द्धचक्रासन,
त्रिकोणासन,
भद्रासन,
अर्द्धउष्ट्रासन,
शशकासन,
वक्रासन,
भुजंगासन,
शलभासन,
मकरासन,
सेतुबंधासन,
पवनमुक्तासन,
शवासन,
कपालभाति।
7 बजे
से शुरू
7:33 पर
समाप्त
30 पतंजलि
कार्यकर्ताओं ने किया सहयोग
100 कार्यकर्ता
रहे सक्रिय
08 मजिस्ट्रेट
योग स्थल पर रहे तैनात
21 पुलिस
अधिकारियों ने की निगरानी
1700 एनसीसी
के कैडेट हुए शामिल
मंच
पर विराजमान रहे गुरु
स्वामी
निष्ठानंद, योगदा
सत्संग
स्वामी
ईश्वरानंद गिरी, योगदामठ
स्वामी
मुक्तिरथ, सत्यानंद
योग मिशन
सपना
सिंह, पतंजलि
योगपीठ
संजय
सिंह, पतंजलि
योगपीठ
पीएन
सिंह, आर्ट
ऑफ लिविंग
कार्यक्रम
में ये भी रहे शामिल
मुख्य
सचिव राजीव गौबा, सांसद
रामटहल चौधरी, मेयर
आशा लकड़ा, डिप्टी
मेयर संजीव विजयवर्गीय,
भू राजस्व सचिव
केके सोन, शिक्षा
सचिव अराधना पटनायक,
मृदुला सिन्हा,
राजबाला वर्मा,
आयुष अध्यक्ष
अब्दुल नुमान अंसारी सहित
अन्य विभाग के अधिकारी उपस्थित
थे। संचालन व धन्यावाद ज्ञापन
किया राष्ट्रीय स्वास्थ्य
मिशन की क्रमश: अकय
मिंज व आशीष सिंहमार ने।
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- अल्लामा जमील मज़हरी