
नौ साल का रामरतनगुल्ली पर टुल लगाने की उम्र में मैदानों को दौड़-दौड़ थका देने की उम्र में स्कूल में पहाड़े सुनाते वक्त सबसे तेज हो सकती थी उसकी आवाज अपने गांव से कोसो दूर दिल्ली की एक दूकान पर गोल-गोल बिलता बचपन नौ साल का...
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मस्जिद तो बना दी शब भर में, ईमान की हालत ठीक नहीं
तुझसे मेरी शर्ट कम सफेद क्यों! टशन का मामला है साहब ! आप खुद देख लीजिये घरों में गहरी तारीकी (अंधकार) है, लेकिन मस्जिद में दिए रौशन किये जा रहे हैं। बात महज़ चराग़ की नहीं। महंगे...
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मुज़फ्फ़र नगर फ़साद : दंगे में ख़ाक -राख हुए अपने घर को ताकता एक मासूम साभार इंडियन एक्सप्रेस
संदर्भ अनंतमूर्ति समय अब ज्यादा क्रूर है। संकट गहरे हैं। बोलने की आज़ादी पर पहरे हमेशा रहे हैं। लेकिन देश में लोकतंत्र की गहरी जड़ों को डिगा पाना बेहद मुश्किल...
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डॉ. अमिता नीरव की क़लम से
रविवार का दिन था, स्कूल की छुट्टी। सरकारी स्कूलों में यूँ भी होमवर्क-फोमवर्क जैसा कुछ हुआ नहीं करता था। इसलिए दिन भर उसके फुदकने-खेलने के लिए था। वो यूँ ही घर में ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर के चक्कर लगा...
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प्रतिमा सिंह ’आरजू’ की क़लम से .हिंदी और उसके विकास में अहिन्दी भाषी प्रदेश बंगाल का वाहिद महानगर कोलकता का भी बड़ा योगदान रहा है। शताब्दियों से हिंदी भाषा और साहित्य को समृद्ध करने में अहिन्दी भाषी प्रदेश की महत्वपूर्ण भूमिका...
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श्रीधरम की क़लम से
इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय का सच
आदिवासी समाज को ऊच्च शिक्षा से जोड़ने और वैश्वीकरण की दौड़ में उन्हें उन्नति के रास्ते पर लाने के उद्देश्य से अमरकंटक (म.प्र) में 2008 में ...
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