
सैयद शहरोज़ कमर की कलम से
कई बोलियों भाषा के देश हिन्दुस्तान में अपनी बहुरंगी सांस्कृतिक विविधता की तरह ही बरसों पहले एक हिन्दुस्तानी भाषा का जन्म हुआ.ऐसी ज़बां जिसमें...
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50 लावारिस शवों का खालिद ने किया एक साथदाह-संस्कार, पितृपक्ष में मिला मोक्ष
[अस्पताल की मोर्चरी में छह माह से पड़े थे]
पचास अंत्येष्टियां एक साथ हुईं, लेकिन रोनेवाला कोई नहीं। ये बदनसीब मृत आत्माएं उनकी...
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छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय दलित सम्मलेन का तुष्टिकरण
संजीव खुदशाह की क़लम से
गत १७ सितंबर को छत्तीसगढ़ कि राजधानी रायपुर में देश भर के दलित जुटे.जातिगत भेदभाव एवं दलितों का प्राकृतिक संसाधनों में उनके अधिकार विषय...
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पंकज शुक्ल की क़लम से
फरवरी की पांचवीं तारीख़
वो जो हलचल है तेरे दिल में मेरी हरकत है,
मेरी जुंबिश ही तेरे हुस्न की ये बरकत है।
मेरी गुस्ताख़ नज़र ने तुझे फिर से देखा,
तू कुछ औऱ खिली, और रंगीं शफ़क़त है।
गुम हूं पास तेरे...
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काराम चांडुः मुलुःलेना : जुड़ि दुमाङ साड़िताना
अश्विनी ...
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आज़ादी के संग्रामी व दुमका के पहले सांसद की विधवा के मार्फ़त
गुंजेश की क़लम से
यह सरायदाहा गाँव है. यहीं आज़ादी के नामवर सिपाही लाल हेंब्रम उर्फ़ लाल बाबा ने विदेशी दासता के क्रूर दस्तावेज़...
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केदारनाथ अग्रवाल की कलम से
हमको,
तुमको,
एक-दूसरे की बाहों में
बँध जाने की
ईद मुबारक।
बँधे-बँधे,
रह एक वृंत पर,
खोल-खोल कर प्रिय पंखुरियाँ
कमल-कमल-सा
खिल जाने की,
रूप-रंग से मुसकाने की
हमको,
तुमको
ईद मुबारक।
और
जगत के
इस जीवन के
खारे पानी...
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बाबुषा कोहली की कवितायें
कुरआन की पहली आयत
"सब खूबियाँ अल्लाह को,मालिक जो -सारे जहां वालों का ;सारी तारीफें तेरी ही हैं ! "यही है न ,कुरान की ,पहली आयत !मेरे मौला,मेरे मालिक -तेरी ही...
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