
मुनीश्वर बाबू अपनी लाडली बिटिया प्रीति (लेखिका) के साथ
आज़ादी के योद्धा मुनीश्वर बाबू उर्फ़ तेगवा बहादुर को यूँ याद किया बेटी ने
प्रीति सिंह की क़लम से
मॉर्निंग वॉक से लौटने के बाद वो उदास होकर बैठ गए थे. उनकी आंखों में आंसू...
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बिहार के पूर्व मंत्री व समाजवादी नेता मुनीश्वर प्रसाद सिंह
प्रीति सिंह की क़लम से
"तेगवा बहादुर सिंह" के नाम से प्रसिद्ध मुनीश्वर प्रसाद सिंह का जन्म 29 नवम्बर 1921 को वैशाली जिला के महनार थाना के बासुदेवपुर चंदेल गांव...
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बदलते समय में भूमिसंबंध , किसान और जनसुनवाई
अपर्णा की क़लम से
भारत में लंबे समय समय से परंपरागत पेशे और विकास का झगड़ा चल रहा है और इस बात को साहित्य में भी कुछ लेखकों ने उठाया है . प्रेमचंद की प्रसिद्ध कृति ‘रंगभूमि’ में...
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संघर्ष
कर रहा है आखिरी सिपहसालार
छेदी मिस्त्री
लेखक
के साथ छेदी मिस्त्री
कुंदन
कुमार चौधरी की क़लम से
कभी
रणभेरी की आवाज से सेनाओं में
जोश भर उठता था। उनकी भुजाएं
फड़कने लगती थीं।...
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शहनाज़ इमरानी की कविताएं
जंग अधूरी रह जाती हैकितना आसान है आगे बढ़नाअगर सामने रास्ते हैमगर रास्ते सब के लिये कहाँ होते हैंबाहर का सन्नाटा और अन्दर की खलबली मेंकुछ लोग चुनौती को स्वीकारते हैखेतों, कारखानों में कई करोड़किसान और मज़दूरकई...
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(यहाँ पोस्टेड किसी भी सामग्री या विचार से मॉडरेटर का सहमत होना ज़रूरी नहीं है। लेखक का अपना नज़रिया हो सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान तो करना ही चाहिए।)