
पंजाब का दो काव्य आबा
देविंदर सिंह जोहल की क़लम से
1
एक पल ग़ुफ़ा में
तेरी आंखों से
पानी किस बात पे निकला
कुछ पता ना चला
ना तू ग़मगीन थी
न हालात नमकीन थे
बस मै बोल रहा था
या शायद
मेरा अपनापन खुल रहा...
read more...

अच्छा है कि हिंदी में कोई अरुंधति राय नहीं है
अजय तिवारी
(सैयद शहरोज़ कमर से संवाद)
डॉ. रामविलास शर्मा जैसे शिखर सामाजिक, सांस्कृतिक और आलोचक का नवीनतम पाठ प्रस्तुत करने का आपको श्रेय दिया जाता है।
मुझे ऐसा...
read more...
(यहाँ पोस्टेड किसी भी सामग्री या विचार से मॉडरेटर का सहमत होना ज़रूरी नहीं है। लेखक का अपना नज़रिया हो सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान तो करना ही चाहिए।)