
रांची में हर्ष-आस्था का रंग
फोटो : माणिक बोस
सैयद शहरोज़ क़मर की क़लम से
वही
"नवमी तिथि मधुमास पुनीता' यानी चैत्र महीना की नौवीं तारीख। मौसम भी
मध्यान्ह में वही "शीतल मंद सुरभि बह बाऊ।' हर्ष-उल्लास की बानगी भी वही,
बस तब...
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तंज़ील
अहमद काश तुम लौट आते !
सीमा
आरिफ़ की क़लम से
तारीख़
3 अप्रैल।
रात 12 बज
कर 40 मिनट।
तारीकियों की आग़ोश से फायरिंग
की आवाज़। जो खामोशियों का सीना
चीरती हुई जब मेरे गावं सहसपुर
(बिजनौर)
तक...
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