
हिंदी के संवेदनशील जानकार चाहिए
सैयद शहरोज़ क़मर की कलम से
समय के साथ संस्कृति, समाज और भाषा में बदलाव आता है। परंपरा यही है।
लेकिन कुछ लोगों की जिद इन परिवर्तनों पर नाहक नाक भौं सिकोड़ लेती है।
अपने अनूठे...
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झारखंड के लिए नहीं है सुहाना सफ़र
कुंदन कुमार चौधरी की कलम से
झारखंड बनने के 11 साल बाद पहली बार फिल्म फेस्टिवल 'सुहाना सफर का आयोजन
12 से 15 सितंबर तक रांची में किया जा रहा है। इस बात से झारखंड ·े
फिल्मकार...
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