हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव ने साबित कर दिया है कि बिहार में बदलाव की लहर चल पड़ी है। इसकी तेज और मंद गति को लेकर बहस संभव है। लेकिन इस सच से इंकार नहीं किया जा सकता कि चुनकर आए 19 मुस्लिम विधायकों में से ज्यादातर उच्च शिक्षा प्राप्त हैं,साथ ही इनकी औसत उम्र 45 साल है। इनमें डॉक्टर, वकील और पीएचडी धारी भी हैं । 14 विधायक तो पहली बार विधानसभा पहुंचे हैं ।
डॉ मोहम्मद जावेद ने गवर्मेंट कश्मीर युनिवर्सिटी,मेडिकल कालेज से एमबीबीएस किया है,तो डॉ दाऊद अली ने डीएच मेडिकल कालेज, दानापुर से डीएचएमएस की डिग्री हासिल की है। वहीं शाहिद अली खां ने बीबीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर,तो इज्हार अहमद ने मगध विश्वविद्यालय से एलएलबी किया है। अहमद पीएचडी भी हैं । फैयाज अहमद ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा और अब्दुल गफूर ने पटना विश्व विद्यालयसे एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है। जावेद इकबाल अंसारी ने रांची विश्वविद्यालय से पीएचडी की है । जबकि अख्तरुल ईमान और मोहम्मद आफाक आलम, एमए पास हैं,तो सबा जफर,नौशाद आलम,जाकिर हुसैन, सरफराज आलम और परवीन अमानउल्लाह स्नातक हैं।
पुराने समाजवादी और राजद से अली नगर से राजद विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एएन कालेज ,पटना से तो अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने एमएचकेजी कालेज , समस्तीपुर से आइएससी किया है। कल्याणपुर से जदयू की टिकट पर जीत कर आई रजिया खातून सिर्फ मैट्रिक हैं। इसके अलावा मोहम्मद तौसीफ आलम और शर्फउद्दीन ने मदरसे से तालीम हासिल की है।
सबसे कम उम्र के हैं
मो तौसीफ आलम और अख्तरुल शाहीन इस बार विस में पहुंचे सबसे जवान मुस्लिम विधायक हैं । इनकी उम्र 31 साल है।
सबसे जयादा उम्र वाले
सबसे उम्रदराज मुस्लिम विधायक हैं अब्दुल बारी सिद्दिीकी, 63 और रजिया खातून, 57।
भास्कर के लिए लिखा गया
1 घंटे पहले
4 comments: on "बिहार: इस बार जीते हैं सबसे ज्यादा पढ़े लिखे मुस्लिम विधायक"
लोकतन्त्र के लिये सशक्त संकेत।
बिहार चुनाव से सम्बंधित रोचक जानकारी ..!
... prabhaavshaalee post ... sabhee dhurandharon ko badhaai !!!
ज्यादा उम्मीदें मत पालिए इन चुनावों से !
एक टिप्पणी भेजें
रचना की न केवल प्रशंसा हो बल्कि कमियों की ओर भी ध्यान दिलाना आपका परम कर्तव्य है : यानी आप इस शे'र का साकार रूप हों.
न स्याही के हैं दुश्मन, न सफ़ेदी के हैं दोस्त
हमको आइना दिखाना है, दिखा देते हैं.
- अल्लामा जमील मज़हरी