
विश्व मुकम्मल तौर पर आज दो खेमे में बँट चुका है.तीसरा खेमा है तो ज़रूर, लेकिन उल्लेखनीय नहीं.पहले साम्यवाद और साम्राज्यवाद ...लेकिन रूस जैसे संघ के विभाजन के बाद लोगों का सारा ध्यान इस्लामी मुल्कों की तरफ गया.आखिर क्या कारण है कि साम्राजवादी शक्तियों...
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आवेश की कलम से
माओवादी लीडरों के अरबों रूपए स्विस बैंक में जमा
पश्चिम बंगाल के लालगढ़ से लेकर छत्तीसगढ़ के लालबाग तक रक्तक्रांति की बदौलत सामाजिक क्रांति का दावा करनेवाले नक्सली संगठनों का एक नया चेहरा सामने...
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गुन्जेश की कवितायें
(1)
ज्ञान, शांति, मैत्री
हमारे दौर के
सबसे प्रतिष्ठित शब्द हैं........
इतने प्रतिष्ठित शब्द कि
ये हमें प्रतिष्ठित कर सकते थे!!
थे?
हाँ, थे!!!!!!!
ज्ञान अब --तथ्य है,
शांति --प्रतिबन्ध
मैत्री ...
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जब दिल और दिमाग के खूबसूरत संयोजन रंगों से बतियाते हैं तो एक ऐसे संसार का सृजन होता जहां चित्र महज़ मनोरंजन का नाम नहीं होता कुछ सोच-विचार की भी मांग करता है.ऐसी दुनिया रचती हैं सूरत की प्रीती मेहता
.मैं और कुछ न कहूँगा.एक चित्र ही हज़ारों शब्द कहता...
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