बहुत पहले कैफ़ी आज़मी की चिंता रही, यहाँ तो कोई मेरा हमज़बाँ नहीं मिलताइससे बाद निदा फ़ाज़ली दो-चार हुए, ज़बाँ मिली है मगर हमज़बाँ नहीं मिलताकई तरह के संघर्षों के इस समय कई आवाज़ें गुम हो रही हैं. ऐसे ही स्वरों का एक मंच बनाने की अदना सी कोशिश है हमज़बान। वहीं नई सृजनात्मकता का अभिनंदन करना फ़ितरत.

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010

रंगों के संग प्रीत

जब दिल और दिमाग के खूबसूरत संयोजन रंगों से बतियाते हैं तो एक ऐसे संसार का सृजन होता जहां चित्र महज़ मनोरंजन का नाम नहीं होता कुछ सोच-विचार की भी मांग करता है.ऐसी दुनिया रचती हैं सूरत की प्रीती मेहता
.मैं और कुछ न कहूँगा.एक चित्र ही हज़ारों शब्द कहता है..आप खुद इनकी पेंटिंग्स को देखें, महसूस करें..

रंगों की प्रीती 


.
शब्दों की प्रीती 

प्रीती शब्दों के होती हैं तो कुछ इस तरह मुखर होती हैं:

कौन हूँ मैं ?


एक अनसुलझी पहेली सी ,
या -
किसी की सहेली सी हूँ मैं ?

रागनी लिए मौन वार्तालाप सी ,
या -
सात सुरों के आलाप सी हूँ मैं ...

बलखाती हवा सी ,
या -
दरिया के लहरों सी हूँ मैं ?

जिंदगी की राह में गुमनाम सी ,
या -
अपनी अलग पहचान सी हूँ मैं ?

हौसलों से पस्त , ध्वस्त सी ,
या -
समर्थ , सशक्त सी हूँ मैं ?

सबके लिए मान – अपमान सी ,
या -
अपने आप् में सम्मान सी हूँ मैं ?

कौन हूँ मैं ?
क्या -
प्रेम, प्यार, एहसासों का पर्याय "प्रीति" सी हूँ मैं ?

___________
अपने सतरंगी सपनो की चमक लिए
 
मैं - एक् आमंत्रण हूँ ..;
विश्वास का ,
अपनेपन का ,
अंतरंगता का ,

 यकीन करो –
पहचान हूँ ,अनकही बात हूँ ,
अटूट रिश्ता हूँ ...




 







 [प्रीती महेता का जन्म - २३ जनवरी , सूरत में  
शिक्षा - बी.कॉम, डिप्लोमा  इन  फैशन डिज़ाइनिंग , कंप्यूटर डिज़ाइनिंग और ज्वेलरी डिज़ाइनिंग
      रूचि - क्रियेटिव डिज़ाइनिंग, drawing और पेंटिंग्स, कल्पनाओं को शब्दों में पिरोना......
      सम्प्रति फ्रीलांस डिज़ाइनिंग ]
Digg Google Bookmarks reddit Mixx StumbleUpon Technorati Yahoo! Buzz DesignFloat Delicious BlinkList Furl

21 comments: on "रंगों के संग प्रीत"

एमाला ने कहा…

bahut hi khoobsoorat bilkul unki kavitaa ki tarah!

एमाला ने कहा…

achchi nazm aur achchi paintings k liye preetiji ko mubarakbaad!

kavita verma ने कहा…

bahut khubsurat paintings aur rachanaye .

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

आदाब
आकर्षक पेंटिंग,
दिल को छू लेने वाली रचना..
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद

रोहित ने कहा…

preeti di ke baare me,
kya ab bhi kuch kahne ko bachta hai?
jitne achhe dhang se wo painting ke madhyam se apne feelings ko share karti hain, utne hi acche tarike se apne lekhni ka bhi upyog karti hain...
unke ujjwal bhavisya ke liye dhero subhkamnayein!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

प्रीति मेहता जी को बधाई!
चित्र और कविता दोनों सुन्दर है!

खोरेन्द्र ने कहा…

khubsurat painting

bahut sundar ...mai ek kavita is par likha hu
salgn kar raha hu

..........agale page me

priti ji .....very nice

खोरेन्द्र ने कहा…

[blue][b]शब्द और रंग
शब्द और रंग

तुम


अपने चित्र के लिए


जहाँ से लाती हो रंग


मै भी


वही से लाता हूँ


कविता के मुक्त छंद




निशा के गहन तिमिर मे


घेरती है तुम्हे आकर


जब


ज्योतिर्मय काल्पनिक आकृतिया


तब


तुम चाहती हो


जग की सारी रोशनी को उडेल


बना लू


एक चित्र सुंदर मन पसंद




उसी समय मुझे


बिठा अपने समीप


कविता कहती लिखो


एक गीत प्यार भरा


वरना रूठ जाउंगी


भूल गए क्या तुम


मुझसे अपना अनुबंध




साथ साथ रचता


यह विश्व प्रतिपल


दोनोंके मन को


कर सम्मोहित


एक शब्द मै बनता


उसी क्षण बनती तुम


सब रंगों से मिश्रित एक बूंद


फ़िर


फैलकर कागज पर


संवर आती


सचित्र


अमिट रूप लिए नवरंग




{किशोर कुमार } [/b][/blue]

Alpana Verma ने कहा…

waah! kya baat hai!
rangon se hi nahin shbdon se bhi chitr banaa dene ki adbhut klaa!
Priti ji ,bahut achchhee paintings hain aur kavita bhi !

ज्योत्स्ना पाण्डेय ने कहा…

कागज पर कुछ रंग बिखर कर,
एक कहानी कह जाते हैं....
कुछ उलझी सी कुछ सुलझी सी,
अपनी बेगानी कह जाती हैं.....

एक कहानी कह जाती है...

एक अच्छी प्रस्तुति देने के लिए शहरोज़ जी आपको शुभकामनाएं...

प्रीति को प्रीति के साथ शुभकामनाये.......

कडुवासच ने कहा…

... पेंटिंग्स मे रंगों व भावों को बडी खूबसूरती से अभिव्यक्त किया गया है, रचनाएं भी प्रसंशनीय हैं !!!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

preeti khud hi ek kainwas per utree tasweer hai, rangon se khelna uska sukun aur nazm uske humsafar ......

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

preeti se chhoti si mulaakat hui thee ...aur yahan unke baare men adhik jaana...khoobsurat chitr aur utani hi khoobsurat nazm....preeti ko badhai aur aapko aabhaar

बेनामी ने कहा…

क्या बात गोलू जितने सुन्दर रंग बिखेरती हो केनवस मै उतनी HI खूबसूरती से कलम चलती हो कलाकार लेखकार तेरी जय हो यार ..बहुत HI कुशाग्र बुद्धि हो बहुत खुशी होती है की हम तेरे दोस्त है ..अनु

shikha varshney ने कहा…

jitne sundar chitr utni hi sundar kavita...badhai prity!

anita agarwal ने कहा…

खुद की खोज मैं रची बसी रचना ...बहुत खुबसूरत ......और अकेलेपन से जूझती नारी ...... तूलिका और कलम का अद्भुत समन्वय .........

तुम्हारी एनी दी

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

Agar mujhe Preeti ki rachna aur paintings me compare karne ke liye koi kahe.........to no doubt......Preeti ki paiting rachnao se 20 hai, lekin......ye 19 aur 20 dusro ke tulna me bahut aage hai...........great preeti.....:)

ρяєєтii ने कहा…

Aap Sabhi ka bahut bahut Shukriya... SHaroz bhai aapko kya kahe ? shabd nahi hamare paas... Aabhar aapka jo aapne is laayak samjha aur yaha jagah di...

एक टिप्पणी भेजें

रचना की न केवल प्रशंसा हो बल्कि कमियों की ओर भी ध्यान दिलाना आपका परम कर्तव्य है : यानी आप इस शे'र का साकार रूप हों.

न स्याही के हैं दुश्मन, न सफ़ेदी के हैं दोस्त
हमको आइना दिखाना है, दिखा देते हैं.
- अल्लामा जमील मज़हरी

(यहाँ पोस्टेड किसी भी सामग्री या विचार से मॉडरेटर का सहमत होना ज़रूरी नहीं है। लेखक का अपना नज़रिया हो सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान तो करना ही चाहिए।)