आर चेतनक्रांति की नई रचनाबस एक जिद है कि मरते नहीं, मरेंगे नहीं ये एक अंधी सी जिद हैकि जिसकी आँख नहीं ये बहरी भी है, ये गूंगी भी और लंगडी भींन इसका दोस्त है कोई, न कोई हमराही.न ये खाने के लिए कहती हैन पीने को .ये अपना गोश्त चबाती है और जीती हैये एक जिद है जो अपने में इतनी पूरी है कि जब रुके तोअपने दर्द के ईंटों से घर उठाके रुके औजब चले तो उसी दर्द...
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ख़बरें ऐसी जो कहीं न मिलें
चोंकना वाजिब है आपका .मदरसे का नाम आप आई एसआई के साथ सुनते आए होंगे .इस ख़बर के नायकका मुख्तसर परिचय :नाम (मोलवी /डॉक्टर ) वसीम- उर-रहमानगाँव लुटिया जिला सिद्धार्त नगर (उत्तर प्रदेश )घर की हालत माह रमज़ान वक़्त से पहले नहीं आता मगरघर की हालत देख कर बच्चों ने रोजा रख लियाइस हाल में में पढ़ाई -लिखी क्या ख़ाक होती ,घर के बड़े भाइयों...
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मुश्किलें आती गयीं थीं हर क़दम
डगमगाए फिर भी न मेरे क़दम
२
तेरे इश्क़ में क्या से क्या हुआ
तेरे हुस्न का क्या मजाल...
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