बहुत पहले कैफ़ी आज़मी की चिंता रही, यहाँ तो कोई मेरा हमज़बाँ नहीं मिलताइससे बाद निदा फ़ाज़ली दो-चार हुए, ज़बाँ मिली है मगर हमज़बाँ नहीं मिलताकई तरह के संघर्षों के इस समय कई आवाज़ें गुम हो रही हैं. ऐसे ही स्वरों का एक मंच बनाने की अदना सी कोशिश है हमज़बान। वहीं नई सृजनात्मकता का अभिनंदन करना फ़ितरत.

शुक्रवार, 25 मार्च 2011

पहले नक्सलियों ने मारा अब बेसहारा

रांची। महज छह साल की सुलेखा आज भी सहम सहम जाती है। तब वह साल भर की रही होगी कि उसके अब्बा को नक्सलियों ने गला रेत कर मार दिया था। वह 11 सितंबर 2005 की बरसाती रात थी। मस्जिद से इशा की अजान हो चुकी थी। शाम के आठ बजे भाकपा माओवादी के दस्ते ने गांव को घेर लिया।

घनघोर बारिश के बीच जब बम और गोलियों की बौछार हुई तो रात रविवार की और स्याह हो गई। मंसूर मियां की दुकान लूट ली गई। लोग चाहे घर में हों या मस्जिद मंदिर में सभी को दस्ते ने बाहर निकाला। फिर ग्राम सुरक्षा दल के सदस्यों को बंधक बना लिया। गांव के किनारे ले जाकर इन पंद्रह लोगों का गला रेत दिया। उसके बाद उन आतंकियों ने जैसा बारूदी उत्पाद मचाया उसके गर्जन से गिरिडीह के भेलवाघाटी गांव के सुलेखा जैसे कई बच्चे असामान्य सी मन:स्थिति के शिकार हो गए।

भेलवाघाटी नरसंहार से प्रभावित दो दर्जन महिला-पुरुष राजधानी में हैं। गुरुवार को मुआवजे की मांग को लेकर उन्होंने विधानसभा घेरने की कोशिश की, जिसे पुलिसिया फटकार और दुत्कार ने नाकाम कर दिया। भास्कर ने जब हौले से उनके कंधे पर हाथ रखा तो वे फफक पड़े।

दोपहर इन्होंने भास्कर दफ्तर में गुजारी तो पता चला कि जवान बेटे, पति और भाई की बेदर्द हत्या क्या होती है!

अब क्या हैं हालात

साठ साल के गफूर मियां के गाल पर ढुलक आए आंसू उनकी वैसी ही बेबसी बयां कर देते हैं जैसा उनका एकमात्र सहारा 22 वर्षीय पुत्र मकसूद को गला रेते जाने पर हुई होगी। उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी नहीं मिली है।

क्या है मामला

भेलवाघाटी के जुनुस मुर्मू की हत्या नक्सलियों ने कर दी तो सरकारी पहल पर यहां ग्राम सुरक्षा दल का गठन हुआ। दिहाड़ी पर जिंदगी गुजर करने वालों को पैसे के साथ परंपरागत हथियार भी मिले तो नौजवान लड़के उसके सदस्य बन गए। यह बात नक्सलियों को नागवार लगी। उधर बाबूलाल मरांडी ने गांववालों को भरोसा दिलाया कि उनका कोई बाल बांका नहीं कर सकता। लेकिन एक माह बाद 11 सितंबर 2005 की रात माओवादियों के दस्ते ने बारिश के साथ जो खून का रंग घोला उसमें कुल सत्रह लोगों की जान गई।

भास्कर के लिए लिखा गया 
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रविवार, 6 मार्च 2011

रोमांच की हुई जीत, क्रिकेट मैच हुआ टाई



रांची.होली आने को है, लेकिन रंग और मस्ती आज राजधानी के बिरसा मुंडा स्टेडियम में शबाब पर रही। मौका था दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित सेलिबेट्रीज क्रिकेट मैच का। सितारे थे, बल्ले में चमकती धूप सी ऊर्जा थी और स्पिन बॉलिंग में जुल्फों के पेचोखम थे। सरकार को विपक्ष का भी साथ था।

शाम के धुंधलके में दूधिया रोशनी के बीच बॉलीवुड की चमक झारखंड के मंत्रियों व विधायकों की दमक को दोगुना कर रही थी।

चैरिटी के लिए आयोजित सितारों से सजी क्रिकेट की इस महफिल का रोमांच अंत तक आतिशबाजियों सा झिलमिलाता रहा। यह मैच भले ही टाई रहा हो। लेकिन बड़ी संख्या में उमड़ी दर्शकों की भीड़ ने खेल के जज्बे को ऐतिहासिक मायने दिए।

रंग यूं जमता गया

बस चार बजने को थे। अचानक शोर हुआ। ये क्या..रंग-बिरंगे परिधानों में चीयरलीडर्स मैदान में आईं। फिर आए मंत्री राजा पीटर, विधायक गीता कोड़ा, स्पीकर सीपी सिंह व विधायक व मंत्री।

तभी भीड़ ने सुनील शेट्टी और डीनो मोरिया का दीदार किया। सितारे सरजमीं पर उतरे तो स्टेडियम खुशियों की फुलझड़ियों से रोशन हो गया।

मंजर को अतिरिक्तखुशनुमा किया करिश्मा तन्ना, संजीदा शेख, विशाल मल्होत्रा, आमिर अली और पूजा चटर्जी की इंद्रधनुषी मौजूदगी ने।

मुंडा ने जीता टॉस

मुख्यमंत्री एलेवन के कप्तान अर्जुन मुंडा और बॉलीवुड एलेवन के कप्तान सुनील शेट्टी टॉस के लिए आए। टॉस मुंडा ने जीता। उन्होंने कहा कि अर्जुन के तरकश में कई तीर हैं। वे टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की चर्चा करना न भूले। इस बात पर दर्शक हुए निहाल, बजीे जोरदार तालियां।

सुदेश का बल्ला बोला

उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो का सधा अंदाज। करीब हर बॉल से उनका बर्ताव फिल्डर को चकमा देता हुआ। और यह रहा चौका। छक्का। मुख्यमंत्री की टीम से खेलते हुए पांच लंबे छक्के व पांच चौके की बदौलत वह 58 रन बनाकर नाबाद रहे।

इससे पहले पारी की शुरुआत करने आए अर्जुन मुंडा व सीपी सिंह। मुंडा अभी बस तीन रन ही बना पाए थे कि वे रिटायर्ड हर्ट हो गए। फिर, कांग्रेसी विधायक केएन त्रिपाठी ने मोर्चा संभाला। हालांकि वो भी कुछ खास नहीं कर सके और रन आउट हो गए।

फिर झाविमो विधायक प्रदीप यादव आए। इसके बाद सुदेश महतो। दोनों की जोड़ी देर तक मैदान में रही और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।

15 ओवरों के इस खेल में बालीवुड एलेवन को जीत के लिए 134 रनों का लक्ष्य मिला। इसमें पंकज त्रिपाठी ने बारह, विनोद ओझा ने दस, दिव्यांशु कुमार ने चौदह व सतीश कुमार ने तेरह रनों की पारी खेली। सुनील शेट्टी की अगुवाई वाली टीम की ओर से आमिर अली ने दो ओवरों में 15 रन देकर एक विकेट चटकाए।

जवाबी पारी खेलने उतरी बॉलीवुड एलेवन की टीम 133 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। एक रोमांचक मुकाबला टाई रहा। आमिर अली ने शानदार 52 और विशाल मल्होत्रा ने लाजवाब 24 रनों की पारी खेली।

वहीं संदीप बेहरा ने भी 33 रनों का योगदान दिया। मुख्यमंत्री एलेवन की ओर से उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने 28 रन देकर दो विकेट चटकाए।


 भास्कर के लिए लिखा गया 


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