रांची। महज छह साल की सुलेखा आज भी सहम सहम जाती है। तब वह साल भर की रही होगी कि उसके अब्बा को नक्सलियों ने गला रेत कर मार दिया था। वह 11 सितंबर 2005 की बरसाती रात थी। मस्जिद से इशा की अजान हो चुकी थी। शाम के आठ बजे भाकपा माओवादी के दस्ते ने गांव को घेर लिया।
घनघोर बारिश के बीच जब बम और गोलियों की बौछार हुई तो रात रविवार की और स्याह हो गई। मंसूर मियां...
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रांची.होली आने को है, लेकिन रंग और मस्ती आज राजधानी के बिरसा मुंडा स्टेडियम में शबाब पर रही। मौका था दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित सेलिबेट्रीज क्रिकेट मैच का। सितारे थे, बल्ले में चमकती धूप सी ऊर्जा थी और स्पिन बॉलिंग में जुल्फों के पेचोखम थे। सरकार को विपक्ष का भी साथ था।
शाम के धुंधलके में दूधिया रोशनी के बीच बॉलीवुड की चमक झारखंड के मंत्रियों व...
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