
चाँद की फ़िज़ा में खुशबू
किसी एक मुसलमान के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने पर पानी पीपी कर सारे मुसलामानों को आतंकवादी बताने वाले देशभक्तों क्या आपने कभी ऐसे लोगों पर भी नज़र-ऐ-इनायत की है।
पाठको, सम्भव है किसी भी खबरिया ने अमरोहा की खुशबू मिर्ज़ा...
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अभी हम सब लगातार हुए बम-विस्फोटों की तबाहियों और मासूमों की असामयिक मौत से पूरी तरह उबर भी नहीं पाये थे कि कंधमाल और कर्णाटक में दहशतगर्दों(जिन्हें पुलिस और मीडिया उग्र भीड़ कहती हैजबकि अरविन्द शेष जैसा प्रबुद्ध तबका कुछ और )के तांडव से रूबरू हुए.कंधमाल...
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