बहुत पहले कैफ़ी आज़मी की चिंता रही, यहाँ तो कोई मेरा हमज़बाँ नहीं मिलताइससे बाद निदा फ़ाज़ली दो-चार हुए, ज़बाँ मिली है मगर हमज़बाँ नहीं मिलताकई तरह के संघर्षों के इस समय कई आवाज़ें गुम हो रही हैं. ऐसे ही स्वरों का एक मंच बनाने की अदना सी कोशिश है हमज़बान। वहीं नई सृजनात्मकता का अभिनंदन करना फ़ितरत.

शनिवार, 9 अगस्त 2008

झूठ का कमाल ! वाह! भाई वाह!

_____________________________________________________
युवा पत्रकार हैं आशीष कुमार 'अंशु' , जनाब में गज़ब का नज़रिया है.उनके ब्लॉग पर
ऐसी खबरें और संघर्ष से आपका साबका होगा , जहाँ धूप, धूप-सी और अन्धकार
बिल्कुल घुप!! उनके ब्लॉग से साभार इस ख़बर से आप भी परिचित हों सो मैं रशीद
भाई को यहाँ ले आया. -सं.
_________________________________________________________

वाह! भाई वाह!
भाई साहब का नाम है रशीद सद्दीकी। बांदा के बड़े पत्रकार हैं। इनकी कृपा से इन दिनों बांदा की कई सड़कें चमक उठी हैं। हुआ यूँ कि जनाब ने अपने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से यह ख़बर छाप दी कि राहुल गाँधी हवाई रास्ते से नहीं सड़क के रास्ते से बांदा आयेंगे ।बस इस ख़बर के छपने भर की देर थी। रातों-रात सड़कें दुरुस्त कर दी गई। वैसे कौन सा राहुल को सड़क के रास्ते आना था।
जय हो रशीद साहब की।
रशीद भाई-जिंदाबाद!

मीडिया स्कैन से साभार


Digg Google Bookmarks reddit Mixx StumbleUpon Technorati Yahoo! Buzz DesignFloat Delicious BlinkList Furl

7 comments: on "झूठ का कमाल ! वाह! भाई वाह!"

shazi ने कहा…

aanshuji ke saath shahroz sahab aaka bhi shukria k aisi shakshiyat se parichit karaya.
rasheed sahab ka kamal waqai qabile-taarif hai.

Smart Indian ने कहा…

अरे वाह! पुरानी कहावत को सच कर दिया - सच्चे का बोलबाला, झूठ सड़कों का रखवाला!

36solutions ने कहा…

पत्रकारों के ऐसे तेवर को देखकर मन प्रफुल्लित होता है, उन्‍हें हमारा नमन । प्रस्‍तुतिकरण के लिए आपका आभार ।

बेनामी ने कहा…

Assalamu'alaikum Wr.Wb.

Thank's for visiting in my site. Nice to visit in your site too ! Greeting's from Tangerang, Indonesia !

Wasalamu'alikum Wr.Wb.

Aki-Gaul
http://aqiegaul.blogdetik.com

श्रद्धा जैन ने कहा…

hahaha aajkal kaam nikalwane ke liye aise hathkande zaruri hai
jaise ke saath taisa zaruri hai
achha laga

Amit K Sagar ने कहा…

नमस्कार,
आपका लेख हिन्दी ठीक से न दिखने के कारण पढने में नहीं आया. आशा है इस समस्या को दूर करेंगे. शुक्रिया.

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

धन्यवाद ... शहरोज एक अच्छी बात को आगे बढ़ाने के लिए.

आशीष
09868419453

एक टिप्पणी भेजें

रचना की न केवल प्रशंसा हो बल्कि कमियों की ओर भी ध्यान दिलाना आपका परम कर्तव्य है : यानी आप इस शे'र का साकार रूप हों.

न स्याही के हैं दुश्मन, न सफ़ेदी के हैं दोस्त
हमको आइना दिखाना है, दिखा देते हैं.
- अल्लामा जमील मज़हरी

(यहाँ पोस्टेड किसी भी सामग्री या विचार से मॉडरेटर का सहमत होना ज़रूरी नहीं है। लेखक का अपना नज़रिया हो सकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान तो करना ही चाहिए।)