tag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post7735317958557044191..comments2024-01-19T00:54:02.839-08:00Comments on Hamzabaan हमज़बान ھمز با ن: दंतेवाड़ा के दौर मेंUnknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-275600412440087012013-10-26T22:17:55.111-07:002013-10-26T22:17:55.111-07:00अदनान मियाँ, बहुत खूब..! क्या कहने आपकी विचार-प्रक...अदनान मियाँ, बहुत खूब..! क्या कहने आपकी विचार-प्रक्रिया.. और आपका विषय-वस्तु चयन... निस्संदेह एक नया उम्दा उदीयमान विचारक दिखता है मुझे आपमे... ईश्वर आपको बढ़त दे..., और मौके दे..-- ---> चरस्तुAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/15749942807490197003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-499747799962857052013-10-24T08:04:35.383-07:002013-10-24T08:04:35.383-07:00इतनी सारी कविताओं पर एक साथ राय देना ज़ल्दबाजी होगो...इतनी सारी कविताओं पर एक साथ राय देना ज़ल्दबाजी होगो. इतना ज़रूर है कि अदनान जैसा नया कवि जब कविता में तुक और लय साधता है तथा कथ्य की विविधता और गंभीरता को भी कायम रखता है तो काफी उम्मीद जगा देता है. रसहीन,सतही और गद्यात्मक कविता लिखनेवाले नवलेखन की भीड़ में इन कविताओं की अच्छी बात है इनकी रोचकता. Digamberhttps://www.blogger.com/profile/13513290747757708417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-7611141606867282722013-10-24T03:41:54.278-07:002013-10-24T03:41:54.278-07:00.... सोच रहा हूँ कुछ तो होगा, दूर क्षितिज के पार......... सोच रहा हूँ कुछ तो होगा, दूर क्षितिज के पार...मुझे अदनान नामक इस नौजवान में अनंत संभावनाओं का क्षितिज दिखाई दे रहा हे ... "सितारों से आगे जहाँ और भी हे .. ! मेरी दुआए !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16357358334063236106noreply@blogger.com