tag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post1922415656082702566..comments2024-01-19T00:54:02.839-08:00Comments on Hamzabaan हमज़बान ھمز با ن: हिन्दुत्व की अवधारणा ही आतंकी हैUnknownnoreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-34054077813835971012011-02-22T14:52:20.288-08:002011-02-22T14:52:20.288-08:00Dear Upadhiyay je...
Apne sahi kaha ke HINDU kabh...Dear Upadhiyay je...<br /> Apne sahi kaha ke HINDU kabhi terrorist nahi ho sakta.....Kyoki agar ye terrorist ban gaya....To duniya men anargal baat failane wale desdrohi kabhi paida nahi honge...BHARAT hamara(Sirf HINDU)<br />ghar hai...iske liye jaan bhi de sakte hai...Is jajbe ko koi "aatankvad" ka naam de de to usse bada bewkuf koi nahi .....Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10731112619052966401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-40354045843861605492010-09-09T04:47:59.464-07:002010-09-09T04:47:59.464-07:00america me quran jalai ja rahi hai...jalane walo k...america me quran jalai ja rahi hai...jalane walo ke baare me kya kahenge aapMurari Guptahttps://www.blogger.com/profile/00192359710384902137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-59847091067846777272010-09-07T19:59:35.556-07:002010-09-07T19:59:35.556-07:00आतंकवाद ने सबसे पहली बलि महात्मा गांधी की ली.
bah...आतंकवाद ने सबसे पहली बलि महात्मा गांधी की ली.<br /><br />bahut hi bachkani baat keh di, Gandhi ji ke murder ko bhi aapne antakbad ka naam de diya, aapka ye article sirf ek taraf soch par chala he ki bhagva ko antankbad tehrana he, aapne is article me overral jo mudda uthaya he usse aap bhatakte se lage...Khare Ahttps://www.blogger.com/profile/08834832296834095341noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-9831410925575847862010-09-07T12:27:22.831-07:002010-09-07T12:27:22.831-07:00इस लेख के लेखक जो कि अपने को स्वतंत्र लेखक कहते है...इस लेख के लेखक जो कि अपने को स्वतंत्र लेखक कहते हैं भगवा विरोधी नज़र आते हैं जिन्होंने कभी संघ की शाखा के दर्शन भी ना किए होंगे. इन अधूरी जानकारीयों को पहले मे दुरुस्त करने की सलाह दुंगा इन्हैं.<br />हिन्दुओं में हिंसा की प्रवत्ति कभी नहीं रही न ही वे इसकी किसी को सलाह देते हैं ये जो कुछ एक लोग जो अपने क्रोध पर काबू नहीं रख पाते अस्त्र उठाकर निकल पडते हैं बदला लेने उन कुछ गिने-चुने लोगों को आतंकवाद से जोड देना असली आतंकवादियों को बच निकलने के लिए रास्ता देना है. उनको भी कब तक रोका जा सकेगा जो रोज आतंक तो देखते हैं. पर उस आतंक को कुचलने की बजाय इन नेताओं को वोट की चिंता करते हुए ही पाया जाता है आखिर खूनहै कब तक न खौलेगा ?<br />लेकिन याद रहे चानक्य ने भी नपुंसक राजनीतिज्ञता भरे समाज से मुक्ति के लिए श्स्त्र उठाने की बात की और उनकी शक्ति छीन ली थी पर वो समय अभी नहीं आया हैं.<br />हां अमलेन्दु जी जैसे पार्टी वर्कर और चिदम्बरम जैसे नेता बढते रहे तो हिन्दुओं को आखिर हथियार उठाना ही पडेगा.<br />भगवान करे वो दिन ना आये.Jitendra Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/04009328002720462856noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-27308324459917319502010-08-31T09:35:43.465-07:002010-08-31T09:35:43.465-07:00AMLENDU JI NE WAHI KAHA JO SUNA DEKHA !! AGAR LEKH...AMLENDU JI NE WAHI KAHA JO SUNA DEKHA !! AGAR LEKH ISLAM K NAM PAR HO RAHE AATANKAWAAD KA HOTA TAB BHEE YAHI KAHTE .AMLENDU HAMESHA SACH LIKHTE HAIN.<br />PADHNE WALE HAMESHA VISHAY SE HAT KAR HI FIJUL KEE BAHAS ME KYON ULAJH JAATE HAIN !!!Unknownhttps://www.blogger.com/profile/14577421474707047151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-46313901514619556652010-08-31T07:32:42.864-07:002010-08-31T07:32:42.864-07:00और ज़ेहादी इस्लाम की?और ज़ेहादी इस्लाम की?गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-33347990644453802242010-08-31T07:07:23.980-07:002010-08-31T07:07:23.980-07:00श्रीमान अमलेंदू जी. माफ करना मगर लगता है इस आइने म...श्रीमान अमलेंदू जी. माफ करना मगर लगता है इस आइने में थोड़ी जंग लग गई मालूम लगती है। आपकी लेखनी, वाक्य विन्यास, और एक खास समूदाय से तारीफ लूटने के तरीके की मैं मन से भरपूर प्रशंसा करता हूं। मगर लेख में लगता है एक जगह आप भारत के सवोॆच्च न्यायालय से भी ऊंचे हो गए या कहूं, उसको झूंठा करार दे दिया है, जब आपने अपने तरीके से हिंदुत्व की व्याख्या की है। मगर इसमें आपका कोई दोष मुझे नजर नहीं आता. हर पढ़े-लिखे को यह अधिकार है कि वह अपने को विद्वान साबित करने और सेक्युलर कहलाने के लिए हिंदुत्व, हिंदू और मौका हाथ लगे तो हिंदुस्तान के खिलाफ लिखे. हिंदू होना तो आप जैसे विदवान लेखकों के लिए मुझे लगता है गाली जैसा महसूस होता होगा. शायद मैं गलत नहीं हूं तो. खैर आप अपनी ज्योत जलाए रखे. मगर हां, लेख में तथ्यों का ख्याल जरूर रखा जाए. जिन पर अभी तक अदालत ने आरोप तय किए हो...हो सके तो उनके बारे में लिखने से बचा जाए. इससे लेखनी में ताकत आएगी।.<br />शुभकामनाएं<br /><br />मुरारी वासूदेवMurari Guptahttps://www.blogger.com/profile/00192359710384902137noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-20157292350352241482010-08-31T06:27:32.771-07:002010-08-31T06:27:32.771-07:00श्रीमान अमलेंदु जी, खेद के साथ कहता हूँ कि जिस ढं...श्रीमान अमलेंदु जी, खेद के साथ कहता हूँ कि जिस ढंग से आपने ब्लॉग पर अपना परिचय टेपा है, लेख उससे मैच नहीं खाता ! हिंदुत्व को परिभाषित करने, पढने, समझने, और समालोचना का अधिकार प्रत्येक को है चाहे वह हिन्दू है या फिर हिंदुत्व को न् मानने वाला , मगर अपने क्षणिक लाभ के लिए आपने भी वही गलती दुहराई है जो पी चिदंबरम ने की ! बिना यह सोचे समझे कि समाज पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है ! कौंग्रेस ने अपना तात्कालिक फायदा इस बयान के मार्फ़त वोट बैंक को देखा ! मगर याद करना कि अब इस कड़ी के माध्यम से भविष्य में जो इस देश के वास्तविक शत्रु आतंकी है वो किस तरह का फायदा उठाएंगे ! दो समुदायों के बीच फूट डालने के लिए ! और ये क्यों भूल जाते हो कि यदि हिन्दुओ ने प्रतिवाद स्वरुप हथियार उठाये भी है तो उन्हें मजबूर किसने किया यह सब करने के लिए ? मान लो कि कर्नल प्रोहित और साध्वी पर आरोप सिद्ध हो जाते है ( अभी सिर्फ आरोप पर ही आप जैसे महान समाज सुधारक इतना कुछ कह रहे हो आरोप साबित हो गए तो पता नहीं फिर .....) तो क्या कर्नल प्रोहित अथवा साध्वी प्रन्ज्ञा के पास एक सुखमय जीवन जीने के लिए कोई कमी थी जो वे इस तरह की जिल्लत के लिए तैयार हुए ? खैर, इस हिन्दू धर्म और देश ने बहुत से दुश्मनों को झेला है आगे भी झेल लेगा ! जो नक्सली आज देश के ही लोगों को खा रहे है, उन्हें आतंकवादी कहने में तो इन सेक्युलरों को हिचक है, लेकिन भगवा आतंकवाद कहने में नहीं !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-78086909087237312222010-08-31T05:49:48.818-07:002010-08-31T05:49:48.818-07:00क्या करोगे ऐसा प्रचार करके?
अमलेंदु हो या इस ब्लोग...क्या करोगे ऐसा प्रचार करके?<br />अमलेंदु हो या इस ब्लोग के संचालक।<br />बार बार भगवा आतंकवाद,या हिंदु आतकवाद का नारा, देश को गलत दिशा दे देगा।<br />कभी सोचा है,जो चोट पहूंचाने के लिये ऐसे नारे गढ रहे हो,बार बार के उपयोग से नासूर बन जायेंगे,ठप्पा लगा रहे हो न? भविष्य में कभी हिंदुत्व द्वारा ठप्पा स्वीकार कर लिया गया तो क्या होगा? दुष्परिणाम जानते भी हो या अनावश्यक थूक उडाना प्रवृति बन गई है।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-28451486432746812912010-08-31T05:14:11.407-07:002010-08-31T05:14:11.407-07:00भाई तू कोन मैं खामखाँ, पूछा तो मैंने उस मूर्ख अ...भाई तू कोन मैं खामखाँ, पूछा तो मैंने उस मूर्ख अमलेंदु से है <br /><br />जो उस प्रज्ञा ठाकुर को दुर्दांत आतंकवादी बता रहा है जिसे न तो किसी अदालत ने आतंकवादी ठहराया न कोई जुर्म साबित हुआ, बल्कि उसे तो मकोका में गिरफ्तार करके रखा है,न कोई सुनवाई, न चार्ज शीट, बस अमलेंदु जैसे लोग स्यापा करके अपनी छातियाँ लाल किये जा रहे हैं.सुमोhttps://www.blogger.com/profile/03285695184931159969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-56674276944884312892010-08-31T04:39:44.577-07:002010-08-31T04:39:44.577-07:00सुमो भाई मैं तो मानवतावादी हूँ .आप जापानी हो क्या ...सुमो भाई मैं तो मानवतावादी हूँ .आप जापानी हो क्या .shaffkathttps://www.blogger.com/profile/06852895490171770181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-14239991593189719902010-08-31T03:02:33.318-07:002010-08-31T03:02:33.318-07:00तुम कोन से आतंकवादी हो मुन्ना?
इस्लामी आतंकवादी हो...तुम कोन से आतंकवादी हो मुन्ना?<br />इस्लामी आतंकवादी हो या वामपथी आतंकवादी?सुमोhttps://www.blogger.com/profile/03285695184931159969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-49919537977614312362010-08-31T02:47:28.865-07:002010-08-31T02:47:28.865-07:00आतकवाद तो आतकवाद है. सुविधा अनुसार इसका नामाकरण क...आतकवाद तो आतकवाद है. सुविधा अनुसार इसका नामाकरण किया जाता रहा है -ग्रीन ,इस्लामिक वगेरा और अब कांग्रेस द्वारा सेफेरेन टेरेरिज्म नया नाम .लेना देना कुछ नहीं आफत बेचारे अल्पसंख्यक की.बी .जे.पी. का तुस्टीकरण राग आरंभ.यही उनकी चाल ,यही चिंतन और असली चहरा है.और कांग्रेस भी अपनी जगह सही जिसको कसम है, अल्पसंख्यक का कोई विकास मत करो बस कोई भावनात्मक नारा/बात उछाल दो और वोट चित. अल्पसंख्यक के कातिल दोनों ही हैं एक स्लो पोइसोन देता है तो दुसारा झटके में विश्वास करता है .कांग्रेस का कोई विकल्प नहीं है सो अल्पसंख्यक एक साथ गुजरात बनने के बदले जीने के लिए धीमा ज़हर पिये जा रहा है .एक शेर अर्ज है <br />अर्जी ले के रख ली हाकिम ने सर उठ के देखा भी नहीं <br />मैं उस कोम का बन्दा हूँ जिसका अब खुदा भी नहीं <br />इस्लामिक टेरेरिज्म उछालने में बी .जे.पी.का सब से मुखर रोल रहा है अब दमन में आग लगी तो दर्द हो रहा है .बताओ इस टेरेरिज्म को क्या नाम दिया जावे हिंदी -हिंदू ,हिंदी तो रफत आलम भी है और हिंदू देश की शांति प्रिय बहुसंख्यक जनसँख्या है कोई नाम तो इन कट्टरपंथियोंको दिया जाना ही था.बी .जे.पी. को अब भगवे से परहेज़ है तो कोई और नाम इन्ही सज्जनों से पूंछा जावे.किसी तरह तो इकबाले जुर्म हो.लिखता रहू तो किताब हो जावेगी यही कहूँ <br />चोटी हो की दाढ़ी का मुर्दाबाद<br />आतंकवाद हो किसी का मुर्दाबाद <br />भारतीयता ज़िदाबाद/मानवता ज़िदाबादshaffkathttps://www.blogger.com/profile/06852895490171770181noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-65936101565378389432010-08-31T02:18:08.035-07:002010-08-31T02:18:08.035-07:00बात यहा हिंदू या मुसलमान कि नही है, बात अधिकारो कि...बात यहा हिंदू या मुसलमान कि नही है, बात अधिकारो कि है कांग्रेश ने तो यह तक कह दिया कि देश के सभी स्रोतों पर प्रथम अधिकार मुसलमानों का है इसे आप क्या कहेंगे, भारत कि एकहरी नागरिकता क्या सिर्फ़ ढोंग है आप जानते है कि आज भी 40-45 फीसदी हिंदू गरीब है फिर आरक्षण सिर्फ़ मुसलमानों को ही क्यों ? अगर हज सब्जिडी है तो अमरनाथ यात्रा के लिए क्यों नही ?? हमारे माननीय लालूप्रसाद यादव किसी मौलबी के लिए मासिक बेतन कि शिफारिश कर सकते हि तो किसी हिंदू पुजारी को क्यों नही ???? आप इनके ऊपर भी तो लिख सकते है पर नही ये तो भारत जैसे देश कि बद-किस्मती है कि यहा अपने लोग ही अपनों का साथ ना देकर उनकी जड़ें खोदते है , इसका गबाह इतिहास है, और हा में यहा सुरेश जीके बात से सहमत हूँ कि अगर ये साध्बी प्रज्ञा "दुर्दांत आतंकबादि" है तब आप या तो हिन्दी के इस शब्द का अर्थ ही नही जानते या किसी दबी हुयी हीन या प्रतिशोध भाबना बस ऐसा कह रहे है jo कुछ भी हो सकती है................मैं किसी भी पार्टी या संगठन से संबंधित नही हूँ, क्योकि में अनिबासी हूँ , में सबसे पहले एक भारतीय हूँ इसलिए मेरी बातोको किसी भी संगठन से जोड़कर ना देखा जय /***सागरदीप ~ गहराई और अँधेरा और कुछ नहीं ???https://www.blogger.com/profile/11199858026209081648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-56656306700204158452010-08-31T02:15:00.869-07:002010-08-31T02:15:00.869-07:00बदिया लगा .....
"एक सुसंस्कृत परिवार से होने...बदिया लगा ..... <br />"एक सुसंस्कृत परिवार से होने के बावजूद...."<br />अमलेन्दु जी, आप जैसे लोग ही ऐसा नजरिया अपनायेंगे ..... तो सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा ... कि किस समाज में अपन रह रहे हैं.<br /><br />हर हिंदू देवता के पास अस्त्र-शास्त्र हैं ....... आपके हिसाब से वो आंतकवाद कि भूमिका के लिए सटीक बैठते हैं......... परन्तु क्या आप बता सकते हैं कि कितने हिंदू चाकू-या पिस्टल जैसा हथियार रखते हैं. भारतीय सभ्यता में एक लाठी जरूर इंसान के पास होती थी.... वो तक हमने छोड़ दी. बाकि इस्लाम में मोहम्मद साहेब का चित्र तो हमने देखा नहीं .... मगर ९५ प्रतिशत मुस्लिम परिवारों में हतियार जरूर मिलता हैं........ क्योंकि इस्लाम - भाईचारे कर प्रतिक है और बिना हथियार के भाईचारा नहीं होता.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-36611935646538659482010-08-31T00:23:57.399-07:002010-08-31T00:23:57.399-07:00:) :) :)
कोई नई बात नहीं बताई आपने… यह प्रचार तो...:) :) :) <br /><br />कोई नई बात नहीं बताई आपने… यह प्रचार तो काफ़ी सारे पत्रकार कर रहे हैं… <br /><br />वैसे आपने एक बड़ी कॉमिक बात कही… साध्वी प्रज्ञा आदि को "दुर्दान्त आतंकवादी" कह दिया…। मोहम्मद गोरी से लेकर कसाब और अफ़ज़ल गुरु तक सभी नादान, मासूम, बेगुनाह ही होंगे शायद, आपकी नज़र में…। <br /><br />"दुर्दान्त"(?) शब्द का अर्थ पता भी है आपको?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-36584568888671976472010-08-30T23:34:30.741-07:002010-08-30T23:34:30.741-07:006 दिसम्बर 1992 को इसका विशाल रूप सामने आया।6 दिसम्बर 1992 को इसका विशाल रूप सामने आया।नईमhttps://www.blogger.com/profile/03421179578049414116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-83006447377317865662010-08-30T23:30:50.595-07:002010-08-30T23:30:50.595-07:00आतंकवाद ने सबसे पहली बलि महात्मा गांधी की ली.आतंकवाद ने सबसे पहली बलि महात्मा गांधी की ली.नईमhttps://www.blogger.com/profile/03421179578049414116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-19450967703539151442010-08-30T20:22:58.736-07:002010-08-30T20:22:58.736-07:00आतंकवादी किसी धर्म के अनुयायी नहीं होते हैं, हाँ इ...आतंकवादी किसी धर्म के अनुयायी नहीं होते हैं, हाँ इनको धर्म के व्यापारी अवश्य ही कहा जा सकता है. ऐसे व्यापारी जो अपने फायदे के लिए धर्म का दुरूपयोग करते हैं. विचारणीय लेख!Shah Nawazhttps://www.blogger.com/profile/01132035956789850464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-25048737644895562512010-08-30T19:33:14.641-07:002010-08-30T19:33:14.641-07:00चिंतनपरक !चिंतनपरक !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-84832196301485972782010-08-30T18:11:38.978-07:002010-08-30T18:11:38.978-07:00आतंकवाद ने सबसे पहली बलि महात्मा गांधी की ली.आतंकवाद ने सबसे पहली बलि महात्मा गांधी की ली.Randhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-59443158721744607972010-08-30T11:58:06.166-07:002010-08-30T11:58:06.166-07:00विचारणीय लेख .....विचारणीय लेख .....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-23934692878145167522010-08-30T10:56:39.001-07:002010-08-30T10:56:39.001-07:00अब संघी भाई कह रहे हैं कि हिन्दू कभी आतंकवादी हो ह...अब संघी भाई कह रहे हैं कि हिन्दू कभी आतंकवादी हो ही नहीं सकता। बात सौ फीसदी सही है और हम भी यही कह रहे हैं कि हिन्दू आतंकवादी नहीं हो सकता और आतंकवादी गतिविधिायों में जो आतंकवादी पकड़े गए हैं या अभी पकड़ से बाहर हैं वह किसी भी हाल में हिन्दू नहीं हो सकते वह तो 'हिन्दुत्व' की शाखा के हैं। दरअसल 'हिन्दुत्व' की अवधारणा ही आतंकी है और उसका हिन्दू धर्म से कोई लेना देना नहीं है। कोई भी धर्मग्रंथ, वेद, पुराण, गीता रामायण हिन्दुत्व की बात नहीं करता न किसी भी धर्मग्रंथ में 'हिन्दुत्व' शब्द का प्रयोग किया गया है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16945576323234527065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-84663553171501942132010-08-30T10:53:57.385-07:002010-08-30T10:53:57.385-07:00हाल ही में जब साध्वी प्रज्ञा, दयानन्द पाण्डेय और क...हाल ही में जब साध्वी प्रज्ञा, दयानन्द पाण्डेय और कर्नल पुरोहित नाम के दुर्दान्त आतंकवादी पकड़े गए तब यह फिर साबित हो गया कि ऐसा आतंकवाद काफी जड़ें जमा चुका है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी का चिदंबरम के बयान पर हो- हल्ला मचाना 'चोर की दाड़ी में तिनका' वाली कहावत को चरितार्थ करता है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16945576323234527065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-81948628278577719482010-08-30T10:37:16.923-07:002010-08-30T10:37:16.923-07:00किसी भी प्रकार का अतिवाद अस्वीकार्य होना चाहिए।किसी भी प्रकार का अतिवाद अस्वीकार्य होना चाहिए।शिक्षामित्रhttps://www.blogger.com/profile/15212660335550760085noreply@blogger.com