tag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post1536116381703219526..comments2024-01-19T00:54:02.839-08:00Comments on Hamzabaan हमज़बान ھمز با ن: अल्लाह क़सम ! अब तो सबसे बोलेंगे Unknownnoreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-13035331429069130612015-04-08T03:47:06.814-07:002015-04-08T03:47:06.814-07:00माफ कीजिएगा, चीजें वास्तविक अर्थों में कितनी स्थिर...माफ कीजिएगा, चीजें वास्तविक अर्थों में कितनी स्थिर होती है वह आपकी कविताओं से जाना जा सकता है। आपकी कविताओं में शब्द बदले हुए हैं। शब्दों का इस्तेमाल कई जगहों पर बहुत-बहुत अच्छे हैं। पर अर्थ। उसमें नयापन का घोर अभाव है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं इस तरह के अर्थ लिए, आज से एक-दो दशक पहले भी मैं कई कविताएं पढ़ चुका हूं। मैं एक कवि से इतनी तो अपेक्षा कर ही सकता हूं कि वह अपने कैनवास पर रंगों का मिश्रण ऐसा करे जो अर्थ के स्तर पर बनी लकीर के आगे का विस्तार हो। सुखद बात इतनी ही है कि आपने अभी शुरुआत की है। और भविष्य में वह चीजें दिखंेगी, जो वाकई ठिठका भी देंगी।bhavpreetanandhttps://www.blogger.com/profile/01632818890064618056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-86640646263614350402015-04-07T03:00:30.193-07:002015-04-07T03:00:30.193-07:00बहुत उम्दा कविताएं आज के हालत पर, स्त्री की ज़िन्दग...बहुत उम्दा कविताएं आज के हालत पर, स्त्री की ज़िन्दगी को शब्दों में सुन्दर तरीक़े से पिरोया है। बहुत-बहुत शुक्रिया ख़ूबसूरत कवितायेँ पढ़वाने का और नाज़िशा को उनकी बेहतरीन कविताओं के लिए मुबारकबाद। शाहनाज़ इमरानी https://www.blogger.com/profile/09849083856013291805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3160962348120610479.post-77215112540954756782015-04-06T23:20:16.752-07:002015-04-06T23:20:16.752-07:00बेहतरीन कवितायेँ बेहतरीन कवितायेँ vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com