बहुत पहले कैफ़ी आज़मी की चिंता रही, यहाँ तो कोई मेरा हमज़बाँ नहीं मिलताइससे बाद निदा फ़ाज़ली दो-चार हुए, ज़बाँ मिली है मगर हमज़बाँ नहीं मिलताकई तरह के संघर्षों के इस समय कई आवाज़ें गुम हो रही हैं. ऐसे ही स्वरों का एक मंच बनाने की अदना सी कोशिश है हमज़बान। वहीं नई सृजनात्मकता का अभिनंदन करना फ़ितरत.

गुरुवार, 25 नवंबर 2010

बिहार चुनाव: मुसलिम विधायकों का कद ज़रा बढ़ा

बिहार में मुसलमानों की आबादी सोलह प्रतिशत से ज्यादा है, लेकिन बिहार विधान सभा में उनका प्रतिनिधित्व महज 6.58 ही रहा। लेकिन इस बार यह प्रतिशत ज़रा  बढ़ा है। पिछले विस में जहां मुस्लिम विधायक सोलह थे आज की अप्रत्याशित जीत में वह 20 हो गए हैं। आबादी के लिहाज से देखें तो कम-से-कम बिहार विधान सभा में 38 से 40 मुसलमान प्रतिनिधियों को पहुंचना चाहिए, लेकिन पहुंचते हैं 16 से 22।

बिहार के 243 विधान सभा क्षेत्रों के 50 से अधिक विधान सभा क्षेत्रों में मुसलमानों का वोट निर्णायक माना जाता रहा है। इन विधान सभा क्षेत्रों में मुसलमानों की आबादी 18 से 74 प्रतिशत है। लगभग पचास से अधिक विधान सभा क्षेत्रों में उनकी आबादी 10 से 17 प्रतिशत है।

बिहार विधानसभा में भी मुसलमानों के प्रतिनिधित्व का यही हाल है। 1952 से 2005 के बीच बिहार विधान सभा में मुसलमानों के पहुंचने की दर सात से दस प्रतिशत के बीच ही रही। झारखंड जब बिहार में शामिल था तब राज्य में विधान सभा की 323 सीटें थीं लेकिन बंटवारे के बाद बिहार विधान सभा में सीटों की संख्या 243 हो गई है। सिर्फ 1985 में बिहार विधान सभा में मुसलमान विधायकों की संख्या 34 थी। यह रिकार्ड भी आज तक नहीं टूटा।

चुनाव विश्लेष्कों की मानें तो मुसलमान प्रतिनिधित्व की कमी के पीछे भी मुस्लिम ही जिम्मेवार हैं। दरअसल जहां भी उनके जीतने की संभावना रहती है, सभी पार्टियां वहां मुसलमानों को ही टिकट दे देती हैं। जाहिर है उनका मत विभाजित हो जाता है। मिसाल के लिए नए परिसीमन के बाद बने दो विस क्ष्रेत्र को लेते हैं। गंगा पार के बलरामपुर और मगध का बलरामपुर। शेरघाटी से छह तो बलरामपुर से नौ मुस्लिम उम्मीदवार खड़े थे। बेतरह उनके वोटों का बंटवारा हुआ।

पिछले विधान सभा के फरवरी और अक्तूबर-नवंबर 2005 के चुनाव में राजद के मुस्लिम आधारों में क्षरण के कारण जद यू को जहां लाभ हुआ, वही राजद के मुस्लिम विधायकों की संख्या घट कर 16 से 11 हो गयी । जद यू के पांच में से चार प्रत्याशी जीतने में सफल थे। फरवरी के चुनाव में 24 प्रतिशत विधायक जीते थे, लेकिन अक्तूबर नवम्बर के चुनाव में मुसलमानों की संख्या घट कर सोलह पहुंच गयी। संतोष यही है कि अबकी इनकी तादाद बढ़ी है।

कौन कहां से जीता

जद यू
शिवहर :शर्फउद्दीन
सुरसंड :शाहिद अली खां
जोकी हाट :सरफराज आलम
गौरा बौरामा : इजहार अहमद
साहबपुर कमाल :परवीन अमान उल्लाह
डुमरांव :दाउद अली अंसारी

भाजपा
अमौर : सबा जफर


राजद
कल्याणपुर: रजिया खातून
बिसफी: फैयाज अहमद
कोचधामन: अख्तरुल ईमान
अली नगर: अब्दुल बारी सिद्दीकी

महिषी : अब्दुल गफूर
समस्तीपुर: अख्तरुल इस्लाम अंसारी
बांका : जावेद इलकबाल अंसारी
डिहरी: मो इल्यास हुसैन


लोजपा
अरिया: जाकिर हुसैन

ठाकुरगंज: नौशाद आलम

कांग्रेस

बहादुरगंज: तौसीफ आलम
किशनगंज: डॉ मो जावेद आजाद

कसबा: मो आफाक  आलम
 




बिहार विधान सभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व

वर्ष सीट प्रतिशत

1952 24 7.27
1957 25 7.84
1962 21 6.60
1967 18 5.66
1969 19 5.97
1972 25 7.85
1977 25 7.72
1980 28 8.64
1985 34 10.50
1990 20 6.19
1995 19 5.88
2000 20 9.87
2005 16 6.58

(कुल सीट, 324, 323 तथा 243 के आधार पर)


भास्कर के लिए  लिखा गया : संशोधित
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